स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती
स्वामी विवेकानंद की 159वीं जयंती के शुभ अवसर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सुंदरबनी की ओर से आप सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं ! किसी भी देश का वर्तमान एवं भविष्य, युवाओं के व्यक्तित्व पर निर्भर करता है । जिस प्रकार विशाल ऊंची इमारत का निर्माण उसके मजबूत नींव पर ही संभव है उसी प्रकार देश की प्रगति और विकास, संस्कारवान और कर्मठ युवा वर्ग पर निर्भर करता है। युवाओं का दिमाग उपजाऊ जमीन की तरह होता है। उन्नत सुसंस्कारित विचारों का जो बीज बो दें तो वही उग आता है। एथेंस के शासकों को सुकरात का इसलिए भय था क्योंकि वह युवाओं के दिमाग में अच्छे विचारों के बीज बोने की क्षमता रखता था। आज की युवा पीढ़ी में कुशाग्र दिमागों की कमी नहीं है लेकिन उनके मन - मस्तिष्क में विचारों के बीज पल्लवित कराने वाले स्वामी विवेकानंद और सुकरात जैसे लोग दिनोंदिन घटते जा रहे हैं। इन स्थितियों के बावजूद युवाओं को एक उन्नत एवं आदर्श जीवन की ओर अग्रसर करना वर्तमान परिदृश्य में सबसे बड़ी जरूरत है। युवा सपनों को आकार देने का अर्थ है सम्पूर्ण मानव जाति के उन्नत भविष्य का निर्माण। जीवन का सबसे ऊर्जावान अवस्था, यु...